इसमें उन्हें भी मज़ा आ रहा था और वे और जोर से मेरी चूत चुदाई करने लगे। वे ‘रण्डी … छीनाल … आज फाड़ दूंगा तेरे भोसड़े को …’ कहते हुए जोर जोर से मुझे चोदने लगे। मैं अपनी चरम सीमा पर थी और मैं भी अपनी कमर को जोर जोर से हिलाते हुए चुदने लगी। वे यह बात समझ गये और ज्यादा जोर लगाते हुए धक्के लगाने लगा और मैं झड़ गयी। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चुत चाटने लगे और चूचे दबाने लगे। मैं फिर से गर्म हो गई। ताऊ यह बात समझ गए और घोड़ी बनाते हुए मेरी चुत में फिर से एक झटके में पूरा लंड उतार दिया और धुंआधार चुदाई चालू कर दी। अबकी बार हम दोनों साथ में अपना पानी छोड़ा। वो आखिरी पल का जो आनन्द का अहसास… 阅读更多内容